Movie: Pyaasa
Singer(s): Mohammad Rafi
Music Director: S D Burman
Lyricist: Sahir Ludhianvi
ये महलो, ए तख्तो, ए ताजो की दुनिया,
ये इन्सान के दुश्मन समाजो की दुनिया,
ये दौलत के भूके रिवाजो की दुनिया,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
हर एक जिस्म घायल, हर एक रुह प्यासि
निगाहॉ में उलझान, दिलो में उडासी,
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
यहाँ एक खिलोना है इन्सान की हस्ती,
ये बस्ती है मुरदा-परस्तो की बस्ती,
यहाँ तो जीवन से है मौत सस्ति,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
जवानी भट्क ती है बद्कार बन कर,
जलवा जिस्म सजते हें बाजार बन कर,
यहाँ प्यार होता है व्यापार बन कर,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नही है,
वफा कुछ नाही, दोस्ती कुछ नही है,
यहाँ प्यार की क़दर ही कुछ नही है,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
जला दो इसे, फूक डालो ये दुनिया,
मेरे सामने से हाटा दो ये दुनिया,
तुम्हारी है तुम ही संभालो ये दुनिया,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
- साहिर लुधियानवि
(आलम-ए-बदहवासी - हताश वातावरण, मुरदा-परस्तो - मृत्यू चे पुजारी,बद्कार - कुकर्मी )
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